EMI क्या होती है ? EMI की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में
दोस्तों EMI बहुत ही कॉमन शब्द है जो आज कल की लाइफ में सुनने को मिलता है इसे ही हिंदी में किश्त कहते है . यानी की एक बड़ी चीज जब हम खरीदते है तो हमें पूरा पैसा देने की जरुरत नही है . हम इस बड़ी रकम को छोटी छोटी किस्तों में पेमेंट कर चूका सकते है .
यही EMI बैंक से लोन लेने पर भी चुकाई जाती है . तो आज का स्पेशल आर्टिकल इसी EMI के ऊपर होने वाला है जिसमे हम बताएँगे की EMI क्या होती है और इससे क्या फायदे और नुकसान है .
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तो देर ना करते हुए शुरू करते है आज का आर्टिकल - What is EMI in Hindi
EMI क्या है ?
EMI की फुल फॉर्म है Equated Monthly Installment . इसकी फुल फॉर्म को यदि हिंदी में बदला जाये तो पाएंगे समान मासिक क़िस्त . इसे निचे के उदाहरण से समझते है .
मान लीजिये आपने कोई चीज 10,000 रुपए की खरीदी पर आपने उसे EMI के द्वारा ख़रीदा हो और आपने यदि समय 11 माह का चुना हो
और EMI आप्शन पर आपको इसके लिए 1000 रुपए ब्याज के देने पड़ रहे हो तो ....
आपको पूरी रकम 11,000 चुकानी होगी , चूकी आप यह पैसा 11 महीने में चुकायेंगे तो आपकी EMI बनेगी
Money with Interest divide by Total Month .
11000 / 11 = 1000 .
तो आपने देखा ऊपर वाले उदाहरण में आपकी EMI (Equated Monthly Installment ) 1000 रुपए की आई है .
EMI के फायदे
दोस्तों EMI (ईएमआई ) किसी वस्तु की खरीददारी या पैसे चुकाने के लिए बहुत ही ज्यादा हेल्पफुल होता है , फिर भी विस्तृत रूप से जानते है कि EMI (ईएमआई ) के क्या क्या फायदे (Advantages ) है .
(1) सामान खरीदना आसान :- दोस्तों EMI का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इससे कोई भी सामान खरीदना आसान हो जाता है . आपको सामान की पूरी वैल्यू एक साथ नही देनी होती बल्कि हर महीने छोटी छोटी किस्तों में पैसे चूका कर आप उसकी कीमत चूका सकते है .
उदाहरण के लिए मान लीजिये आपको एक कार खरीदनी है जिसकी वैल्यू लगभग 10 लाख रुपए की है . पर आपके पास सिर्फ 5 लाख रुपए है .
पढ़े :- Cancel Cheque (कैंसिल चेक ) क्या होता है और इसे कैसे बनाते है ?
तब आप EMI के द्वारा आसानी से कार खरीद सकते है .
आप 5 लाख रुपए जमा करा दे और बाकि बचे 5 लाख और उसपे थोडा ब्याज मिलाकर पैसा हर महीने EMI के द्वारा चूका सकते है .
EMI के अन्दर पैसा कितने समय में चुकाना है यह आप पर निर्भर करता है . यदि आप ज्यादा ब्याज नही देना चाहते तो EMI अमाउंट ज्यादा रखे और चुकाने का समय कम से कम रखे .
(2) CIBIL SCORE :- दोस्तों यदि कोई व्यक्ति अच्छे से अपनी उधारी या समय पर किस्त चूकाने में खुद को सिद्ध कर देता है तो उसका सिबिल स्कोर (सिबिल स्कोर ) बहुत अच्छा हो जाता है . यह 300 से लेकर 900 पॉइंट तक होता है . यदि हम समय पर EMI चुकाते रहते है तो यह सिद्ध करता है कि हम अपने वित्तीय दायित्वो को अच्छे से जिम्मेदारी के साथ निभा रहे है .
यदि आपको सिबिल स्कोर (सिबिल स्कोर ) की जानकारी हिंदी में चाहिए तो क्लिक करके पढ़ सकते है .
(3) Interest Free EMI : कई बार कंपनियां अपना सामान ज्यादा मात्रा में बेचने के लिए ब्याज रहित क़िस्त (Interest Free EMI ) का मौका अपने ग्राहको (Customers ) को देती है . जिससे की किसी वस्तु को EMI या क़िस्त रूप में खरीदने पर भी कोई इंटरेस्ट नही देना पड़ता .
मान लीजिये कोई Phone 15000 रुपए का है पर यह Interest Free EMI के साथ उपलब्द है . तब मान लीजिये आप 1500 रुपए की EMI देकर आप इसे खरीदना चाहते है तो आपको 10 माह तक यह EMI देनी होगी .
3) Market को भी फायदा : दोस्तों EMI की सुविधा मिलने से लोग आसानी से महँगी चीजे भी किस्तों में खरीद पाते है इससे कि मार्केट में भी बिक्री बढती है . चीजे ज्यादा बिकना शुरू हो जाती है .
Conclusion :
तो दोस्तों इस तरह आपने जाना इस आर्टिकल में की EMI किसे कहते है और इसके फायदे क्या है . साथ ही आपने जाना की ईएमआई से चीजे खरीदना कितना आसान हो जाता है .
आशा करता हूँ की आपको यह पोस्ट EMI Kya Hai in Hindi बहुत अच्छी लगी होगी , यदि फिर भी आपके कोई सवाल हो तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते है .
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