क्या है अंधभक्ति और अंधभक्त लोग 


Andhbhakt kise kahate hain सोशल मीडिया खोलते ही आपको कई पोस्ट अंधभक्तो पर मिल जाती होगी , तब आप सोचते होंगे कि भक्त और भक्ति के बारे में तो सुना हुआ है पर यह अंधभक्ति (Andhbhakti ) क्या है ? कैसे इस शब्द का जन्म हुआ और किन लोगो के लिए इसे काम में लिया गया और आज भी काम में लिया जा रहा है .

अंध भक्ति किसे कहते है और अंध भक्त क्या होता है


    शास्त्रों की बात करे तो उसमे हमको भक्ति का पता चलता है जो हम ईश्वर के प्रति , माता पिता के प्रति , देश के प्रति , गुरुजनों के प्रति दर्शाते थे . 

    जैसे :-

    • ईश भक्ति - ईश्वर के प्रति निष्ठा और भक्ति.  
    • मातृ भक्ति - माता के लिए भक्ति करना . 
    • पितृ भक्ति - पिता के लिए समर्पण और भक्ति 
    • गुरु भक्ति - गुरु के लिए जो भक्ति शिष्य करते है .
    • देश भक्ति - देश के प्रति भक्ति करना 
    • मातृभूमि भक्ति - जिस देश में हम जन्मे उस भूमि के लिए निष्ठा दिखाना और भक्ति करना 

    पर समाज में एक ऐसी भक्ति भी हो गयी तैयार जो सत्य , तर्क , प्रमाण आदि से कोसो दूर होकर की जाती है वो भक्त अंधभक्ति कहलाती है . अंध भक्त को आप दिन को रात कहेंगे तो वो उसे रात ही मांगेंगे चाहे कितना भी उजाला क्यों ना हो

    अंधभक्त और अंधभक्ति किसे कहते है    

    अंधभक्त - ऐसा व्यक्ति जो किसी की बुराई या कमी को नही देखना चाहता और बस उसके अच्छे कामो और गुणों को ही देखता है उस व्यक्ति को अंध भक्त कहते है . 

    अंधभक्ति - किसी व्यक्ति के बुरे और गलत कामो को भी वो अनदेखा कर करके सिर्फ उसके गुणों को सिर्फ याद रखना यह अंधभक्ति कहलाती है . वो अपने चहेते व्यक्ति के अच्छे बुरे कार्यो की समीक्षा नही करता और पूर्ण विश्वास हमेशा रखता है . 

    अत: अंधभक्त की जो सामने वाले के प्रति भक्ति होती है वो ही अंधभक्ति होती है . 

    तो आपने जाना कि AndhBhakt ओर Andhbhakti क्या है . 

    अंधभक्त और अंधविरोधी 


    जैसे किसी को आँख बंद करके दिमाग के ताले लगा कर कोई सपोर्ट करे तो उसे अंध भक्त कहते है उसी के विपरीत भी एक और प्रजाति होती है .

    अंधविरोधी :- ये विपक्षी होते है जो भी आँख बंद कर दिमाग के दरवाजे बंद करके किसी व्यक्ति या ग्रुप या पार्टी का पुरजोर विरोध करते है . ना ही ऐसे लोगो को सामने वाली की अच्छाई और अच्छे काम नजर आते है .

    वे साम दाम दंड भेद किसी भी तरह से सामने वाले में नुक्स निकाल ही देते है . 

    उदहारण के तौर पर किसी व्यक्ति विशेष ने कोई गरीबो को दान किया तो वे कहेंगे कि उसने दान तो खुद की मार्केटिंग के लिए किया है . यह दान तो दिखावा है , वो दान तो फिर से लूट लिया जायेगा आदि . 

    ज्यादातर केस में जो अंध भक्त होता है वही ही विपक्ष का अंधविरोधी भी बन जाता है . 

    अंधभक्त के लक्षण क्या है ? 



    • अंधभक्त का दिमाग अच्छे से ब्रेन वाश किया हुआ होता है वो सामने वाले के सही तर्को को सुनकर उससे सहमत नही होता . 
    • अंधभक्त अपने पास कुछ तर्को का भंडार रखते है और अंत में उन्ही का सहारा लेते है 
    • बहुत से अंधभक्त विपक्ष के अंधविरोधी भी होते है वे अपने पक्ष को मजबूत करने में और विपक्ष को कमजोर करने में लगे रहते है 
    • अंध भक्तो को अपने आदर्शो की हर बात सही लगती है और उसे ही वो अपना धर्म मानते है . 
    • अंध भक्त शोर्ट टेम्पर के होते है और जल्दी ही गुस्सा भी हो जाते है . 
    • अंध भक्त बिना टांग पूछ की बहस के लिए जाने जाते है . 
    • अंध भक्ति में सही और गलत पहलु नही होता है पर वफादारी का पहलु होता है यानी की गलत बात पर भी उसे अच्छी बात कह कर दिल को मना लिया जाता है . 
    • अंध भक्ति में उसका  जो आदर्श है वो कभी भी थोडा सा भी गलत नही जो सकता है , यदि कोई उसके बारे में गलत कहे तो अंधभक्त कहेगा कि यह उसे बदनाम करने की साजिस है . 
    • अंधभक्त कट्टर सोच के होते है , उनकी सोच को बदलना नामुमकिन होता है . 


    क्या सही होती है अंधभक्ति  


    अंध भक्ति कभी भी सही नही मानी जाती है . अंध भक्ति का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि आप किसी के गलत होने पर भी उसे गलत नही मानते है और इससे वो गलत व्यक्ति और भी ज्यादा गलती करने के लिए प्रेरित हो जाता है . उस व्यक्ति की ताकत बढ़ जाती है क्योकि उसे अंधभक्तो का बहुत ही सहारा मिला हुआ रहता है .इसे हम उदहारण के रूप में समझे है .

    बहुत से बापू , संत ऐसे हुए है जो अपने कुकर्मो के कारण आज जेल में चक्की पिस रहे है पर जब पुलिस उनके गंदे कारनामो के कारण उन्हें पकड़ने आई तो उन्ही लोगो के अंध भक्तो ने पुलिस को ही दोषी मान लिया . पुलिस पर पथराव करने लगे , चक्का जाम करने लगे .

    अंधभक्ति में वे कुकर्मी बाबा को अभी भी गंगा की तरह पवित्र मान रहे थे . अंध भक्ति में ऐसे लोगो को लगता है कि उनका आदर्श तो कभी गलत हो नही सकता है .



    अंधभक्त के क्षेत्र 


    हम किसी भी व्यक्ति के बहुत बड़े वाले अंधभक्त बन सकते है , इसके क्षेत्र भी अलग अलग हो सकते है . जैसे खेल , राजनैतिक , बॉलीवुड , हॉलीवुड , काल्पनिक दुनिया आदि

    • राजनैतिक  - ईश्वर आपको हमारे देश में अलग अलग नेताओ के अंध भक्त मिलेंगे जैसे की मोदी जी के अंध भक्त , राहुल गाँधी के अंध भक्त , केजरीवाल के अंध भक्त , ऐसे बहुत से राजनैतिक लोगो के अंध भक्त होंगे . सिर्फ यही नही पार्टी के आधार पर भी अंधभक्ति मिल जाएगी . जैसे कि बीजेपी के अंध भक्त , कांग्रेस के अंध भक्त आदि 
    • जाति के नाम पर अंध भक्ति - अपना रोल मॉडल लोग जाति के आधार पर चुन लेते है और फिर अपनी अंधभक्ति दिखाते है .  
    • खेलो में अंध भक्ति  - आपको खेलो में धोनी के अंध भक्त , कोहली , रोहित शर्मा के अंध भक्त दिख जायेंगे . 
    • गुरु संत में अंध भक्ति  - इसमे आपको आशा राम जी , राम रहीम के , धीरेन्द्र शास्त्री जी के अंध भक्त मिलेंगे . 
    • बॉलीवुड हॉलीवुड में - फिल्मो के हीरो हिरोइन के भी कई अंधभक्त होते है . 
    • काल्पनिक दुनिया - इसमे किसी काल्पनिक करैक्टर के भी अंधभक्त होते है जैसे सुपरमेन , टाईनोश , आयरनमैन आदि 
    • विज्ञान के क्षेत्र में :- कई वैज्ञानिको , डॉक्टर  के भी आपको अंधभक्त मिल जायेंगे .  


    सोशल मीडिया पर अंधभक्ति का प्रभाव 


    सोशल मीडिया पर बहुत से लोग सिर्फ अंधभक्ति करते हुए दिखाई देंगे , उनकी पोस्ट , उनके कमेंट में उनकी अंधभक्ति देखने को मिलती है . जो व्यक्ति अपने विवेक का प्रयोग करते है वे फिर कुछ लिख दे तो अंधभक्त ना पचने वाले तर्क देकर उनसे भीड़ जाती है . फिर आते है अंधविरोधी .

    फिर ना खत्म होने वाले तर्क वितर्क की ऐसी बाढ़ आती है कि लोगो का समय का ख्याल तक नही आता . गड़े हुए तक मुर्दे बाहर निकाल दिए जाते है और फिर बातो का पोसमार्टम तक शुरू हो जाता है .

    इस बहस के बीच कई व्यक्ति अंधभक्त बन जाते है और कई अंधविरोधी . बहुत से लोगो का बहुत से लोग ब्रेनवास कर देते है . बातो की लड़ाई बहुत बड़े लेवल तक बढ़ जाती है . चुकी यह ऑनलाइन सोशल मीडिया है तो \यहा हाथा पाई , चड्डी खिसाई तो हो नही सकती अत: कमजोर से कमजोर व्यक्ति भी खुद को अंडरटेकर का पूर्वज मानते हुए भीड़ जाता है .


    भक्त और अंधभक्त में क्या अंतर है ? 


    भक्त शब्द संसार के निर्माण के समय से है जबकि अंधभक्ति का प्रयोजन हम ज्यादा होने लगा है . दोनों में सिर्फ मुख्य अंतर यह है कि अंधभक्त वही भक्त होता है जो अपने आदर्श के बारे में कुछ भी गलत सुनना नही चाहता और ना ही गलत बोलना पसंद करता है .

    उसके आदर्श में चाहे 100 बुराई होगी पर वो ढाल बनकर उन सभी बुराइयों को भूला देगा . वो अंधभक्ति में इतना दीवाना हो जायेगा कि सामने वाली की बातो पर उस से लड़ भी सकता है .

    जबकि भक्ति में दिमाग और दिन को खोल कर सोचा जाता है कि यदि भक्त के आदर्श ने कोई गलती की तो उसे भक्त समझ जाते है और उसका विरोध भी करते है .

    राजनेतिक में अंधभक्ति 


    सबसे ज्यादा इस समय अंधभक्ति राजनैतिक में है . कहने को भारत लोकतांत्रिक देश है पर इस देश में जब बच्चा जन्म लेता है तब ही उसे उसके घर वाले ब्रेन वास करके या तो उसे कांग्रेसी , या फिर बीजेपी पार्टी या फिर किसी स्थानीय लोकल पार्टी के बनाने की कोशिश शुरू कर देते है .

    ऐसे परिवार को चुनाव में कौनसा व्यक्ति खड़ा हो रहा है , इससे कोई मतलब नही होता है वे सिर्फ अपनी पसंद की पार्टी को ही वो डालते है और अपनी अंधभक्ति दिखाते है . 

    उनके लिए यदि कोई पार्टी कोई जानवर भी चुनाव में खड़ा कर दे तो वो उस जानवर को ही वोट देंगे क्योकि वो जानकर उस पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहा है . 

    यह अंधभक्ति फिर लोकतंत्र की हार होती है 


    अंधभक्ति में प्रसिद्ध जोक्स फोटो के रूप में 



    andhbhakti jokes



    अंधभक्ति जोक्स :- यदि किसी चहेते ने अंधभक्त के कपडे भी उतरा दिए तो भी अंधभक्त कहेंगे कि इसमे कोई ना कोई अच्छा ही होगा .

    अंधभक्ति जोक्स


    अंधभक्ति जोक्स 2 :- हर मौसम हर रंग हर दशा में अंधभक्त अपनी अंधभक्ति नही छोड़ता है . 


    अंधभक्त के बन्दर

    अंधभक्ति जोक्स 3:- अंध भक्ति के तीन बन्दर , ना अपने चहेते के लिए बुरा कहेंगे , ना बुरा सुनेंगे ना ही बुरा देखेंगे . 

    अंधभक्ति के चुटकुले

    अंधभक्ति जोक्स 4:- अंध भक्ति  का मस्त चुतुकुला कि कैसे मान ले की रुपए की कीमत गिरी है . हमें तो उसके गिरने पर टन की आवाज नही आई . 

    Conclusion (निष्कर्ष )

    तो दोस्तों आपने जाना कि किसे कहते है अंधभक्त (Andhbhakt Koun Hote Hai ) . अंधभक्ति के क्या लक्षण होते है . कैसे लोगो को हम अंधभक्त कहते है और क्या समाज में अंधभक्ति सही है या गलत . 

    इस तरह आपने अच्छे से जाना कि क्या अंधभक्ति के पीछे का सच है . यदि आप के भी कोई विचार इससे जुड़े हुए है तो आप हमें कमेंट कर सकते है . 



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